Gajal
रविवार, 2 दिसंबर 2012
जुगनुओं से भर लिया आंगन
चाँद अपना हुआ हुआ न हुआ
आज का दिन बस मिले मुझको
कल का क्या हुआ हुआ न हुआ
*************
ग़जल ग़जल हो गई
जिन्दगी अजल हो गई
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें